गुरुवार, 2 अक्तूबर 2008

मीडियाकर्मियों ने लिया जनसरोकार और समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता का संकल्प

माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के शांतिवन में 21 सितंबर से 23 सितंबर तक हुए मीडिया महासम्मेलन में भारत और नेपाल के विभिन्न भागों से आए लगभग डेढ़ हजार मीडियाकर्मियों, शिक्षाविद और मीडिया मालिकों ने शिरकत की। सम्मेलन के अंत में पारिस घोषणा पत्र में सभी मीडियाकर्मी इस संकल्प के साथ अपने गंतव्य स्थानों के लिए रवाना हुए कि वे मीडिया कवरेज में विकास संबंधी मुद्दों, जन सरोकारों और समस्याओं को अधिक स्थान देने के साथ अर्थहीन और छिछोरे मुद्दों जैसे फैशन, ग्लैमर, चमक दमक और गप्पबाजी की यथासंभव उपेक्षा करेंगे। मीडियाकर्म को सामाजिक , आर्थिक, आध्यात्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सूचनापरक मुद्दों पर केंद्रित करेंगे। वे दबे कुचले एवं उपेक्षित लोगों तथा ग्रामीण और शहरी समाज के अभावग्रस्त वर्ग के उत्थान के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रयासों को ईमानदारी से समर्थन देंगे।

ब्रह्माकुमारी संस्था के राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के मीडिया प्रभाग द्वारा शांतिवन में मीडियाकर्मियों का चार दिवसीय राष्ट्रीय महासम्मेलन यह प्रस्ताव एवं कार्ययोजना स्वीकार करते हुए समाप्त हुआ कि मीडियाकर्मी, वाणिज्यिक हित और समाज हित के बीच सही संतुलन बनाए रखने का निष्ठापूर्वक प्रयास करेंगे। सर्वांगीण एवं निरंतर विकास को सुनिश्चित करने के लिए तथा सांस्कृतिक प्रदूषण पर अंकुश पाने के लिए वर्तमान सोच को नई दिशा देते हुए आध्यात्मिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके लिए भारत के पुरातन ज्ञान , संस्कृति, सभ्यता, सामाजिकता और जीवन के सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा। जिसका आधार अध्यात्म, राजयोग एवं सरल जीवनशैली द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण में निहित है।

छह संयुक्त सत्रों , समूह संवाद और आध्यात्मिक आत्मावलोकन पर आधारित महासम्मेलन में भाग लेनेवाले मीडियाकर्मियों ने विश्वास दिलाया कि वे अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में स्वयं की नैतिकत और विश्वसनीयता का परिचय देंगे। समाज में शांति, स्नेह, सौहार्द्र, सच्चाई, अहिंसा, पारदर्शिता, एकता, अखंडता, सुख व संतोष से परिपूर्ण संस्कृति और वातावरण का विस्तार करने के लिए आध्यात्मिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में प्रयासरत रहेंगेष मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रानिक और सायबर मीडिया में अश्लीलता, नग्नता, हिंसा और अनैतिक विषय वस्तु के प्रदर्शन एवं प्रसार में मीडिया के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए मीडिया परिषद के गठन का प्रयास किया जाएगा जो प्रेस परिषद की तुलना में अधिक शक्तिशाली, नियंत्रात्मक एवं अधिकार संपन्न होगी। यह संकल्प भी लिया गया कि मूल्यानुगत मीडिया अभिक्रम समिति, ग्लोबल फोरम फार पब्लिक रिलेशंस जैसे संगठनों को भरपूर समर्थन दिया जाएगा ताकि विचारों के आदान प्रदान और आध्यात्मिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया जा सके।

समापन सत्र में जवाहरलाल नेहरू तकनीकी विश्वविद्यालय , हैदराबाद के प्रो. वी एम प्रसाद ने कहा कि अध्यात्म की शक्ति विश्व भर में केवल भारत के पास ही है किसी भी संस्था की उन्नति उससे जुड़े लोगों पर निर्भर करती है कि वे कितने समर्पित, अहंकार व लोभ रहित भाव से कार्य कर रहे हैं। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष ब्रह्मकुमार ओम प्रकाश ने कहा कि महासम्मेलन में भाग लेनेवाले मीडियाकर्मियों ने स्वयं अनुभव किया है कि ऐसी आचार संहिता तैयार की जाए जिससे समाज के अभिन्न अंग मीडिया में हो रहे पतन को रोका जा सके। आंध्र प्रदेश के पूर्व सूचना निदेशक डा. सी वी. नरसिम्हा रेड्डी, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो. के. सी. मौली व मीडिया प्रभाग के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समन्वयक ब्रह्मकुमार सुशान्त ने भी कार्य योजना पर अपने विचार प्रस्तुत किए
मीडिया महसम्मेलन में शिरकत करने आए मीडियाकर्मी और ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़े लोग।

पिछले दिनों माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय की तरफ से शांतिवन में मीडिया का महासम्मेलन हुआ। सम्मेलन में देश विदेश से आए 1500 से ज्यादा मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में कई चर्चा सत्र हुए जिनमें सामाजिक सरोकारों के प्रति मीडिया की घटती प्रतिबद्धता और संवेदनहीनता पर चिंता जताई गई। पेश है एक चर्चा सत्र की तस्वीर।